धारा 81 BNS in hindi: के बारे मे जानकारी प्राप्त करने से पहले यह जाने की 01 जुलाई 2024 से पहले किसी अपराध के लिए भारतीय दण्ड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं में मुकदमें पंजीकृत होते थे लेकिन 01 जुलाई 2024 से भारत सरकार द्वारा लागू की गई भारतीय न्याय संहिता- 2023 (BNS 2023) की धाराओं के अन्तर्गत मुकदमें पंजीकृत किए जायेंगे ।
भारतीय न्याय संहिता 2023 में अधिकतर अपराधो की प्रकृति तो पुरानी ही है लेकिन धाराओं का क्रम और संख्या में बहुत सारे बदलाव किए गए हैं। इन्हीं बदलाव को ध्यान में रखते हुए हम लोग धारा 81 BNS in hindi, धारा 82 BNS, धारा 83 BNS और धारा 84 BNS के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।
धारा 81 BNS in hindi- विधिपूर्ण विवाह का घोखेबाजी से विश्वास उत्प्रेरित करने वाले पुरुष द्वारा कारित सहवास ( पुरानी आईपीसी की धारा 493 )
प्रत्येक पुरुष, जो किसी महिला को, जो विधिपूर्वक उससे विवाहित न हो, घोखेबाजी से यह विश्वास कारित करेगा कि वह विधिपूर्वक उससे विवाहित है और इस विश्वास में उस महिला का अपने साथ सहवास या मैथुन कारित करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने का भी दायी होगा।
धारा 82 BNS in hindi- पति या पत्नी के जीवनकाल में पुनः विवाह करना ( पुरानी आईपीसी की धारा 494 )
- उप धारा 82(1) BNS in hindi के अनुसार जो कोई, पति या पत्नी के जीवित होते हुए, किसी ऐसी दशा में विवाह करेगा, जिसमें ऐसा विवाह इस कारण शून्य है कि वह ऐसे पति या पत्नी के जीवनकाल में होता है, वह 7 वर्ष के कारावास या जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जायेगा।
अपवाद
धारा 82 BNS in hindi का विस्तार किसी ऐसे व्यक्ति पर लागू नहीं होगा, जिसका ऐसे पति या पत्नी के साथ विवाह सक्षम अधिकारिता के न्यायालय द्वारा शून्य घोषित कर दिया गया हो, और न किसी ऐसे व्यक्ति पर, जो पूर्व पति या पत्नी के जीवनकाल में विवाह कर लेता है।
यदि ऐसा पति या पत्नी उस पश्चात्वर्ती विवाह के समय ऐसे व्यक्ति से सात वर्ष तक लगातार अनुपस्थित रहें हो, और उस समय के भीतर ऐसे व्यक्ति ने यह नहीं सुना हो कि वह जीवित है, परन्तु विवाह करने वाला व्यक्ति उस विवाह के होने से पूर्व उस व्यक्ति को, जिसके साथ वह विवाह कर रहा है, सभी बातों के वास्तविक स्थिति की जानकारी, जहां तक कि मालूम हो उसको अवश्य दे दे।
- उप धारा 82(2) BNS in hindi के अनुसार जो कोई व्यक्ति उप धारा 82(1) BNS के अधीन अपने पूर्व विवाह की बात जिससे वह विवाह कर रहा है उस व्यक्ति से छिपाकर करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डित किया जायेगा।
नोट :- उप धारा 82 (2) BNS में वर्णित अपराध को पहले धारा 495 आईपीसी के अंतर्गत रखा गया था।
धारा 83 BNS in hindi- विधिपूर्ण विवाह के बिना कपटपूर्वक विवाह कर्म पूरा कर लेना ( पुरानी आईपीसी की धारा 496 )
जो कोई बेईमानी से या कपटपूर्ण उद्देश्य से विवाहित होने का कर्म यह जानते हुए पूरा करेगा कि उसके द्वारा कृत कर्म विधिपूर्वक नहीं हुआ है, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने का भी दायी होगा।
धारा 84 BNS in hindi- विवाहिता महिला को आपराधिक आशय से फुसला कर ले जाना या निरुद्ध रखना ( पुरानी आइपीसी की धारा 498 )
जो कोई किसी महिला को, जो किसी अन्य पुरुष की पत्नी है, और जिसका अन्य पुरुष की पत्नी होना वह जानता है, या विश्वास करने का कारण रखता है, उस पुरुष के पास से, इस उद्देश्य से ले जाएगा, या फुसलाकर ले जाएगा कि वह किसी व्यक्ति के साथ अयुक्त संभोग करे या इस उद्देश्य से ऐसी किसी महिला को छिपाएगा या निरुद्ध करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।
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