बलात्कार की परिभाषा
बलात्कार: भारतीय न्याय साहिन्ता 2023 की धारा 63 के अनुसार जब कोई व्यक्ति –
(क) किसी महिला की प्राइवेट पार्ट योनि, उसके मुंह, मूत्रमार्ग वा गुदा में अपना लिंग किसी भी सीमा तक डालता है; या
(ख) किसी महिला की योनि, मूत्रमार्ग वा गुदा में ऐसी कोई वस्तु वा शरीर का कोई भाग, जो लिंग न हो, किसी भी सीमा तक डालता है या उससे ऐसा अपने साथ या किसी अन्य व्यक्ति के साथ कराता है; या
(ग) किसी महिला के शरीर के किसी भाग का इस प्रकार हस्तसाधन करता है जिससे कि उस महिला की योनि, मूत्रमार्ग, गुदा या शरीर के किसी भाग में प्रवेशन कारित किया जा सके या उससे ऐसा अपने साथ या किसी अन्य व्यक्ति के साथ कराता है; या
(घ) किसी महिला की योनि, गुदा या मूत्रमार्ग पर अपना मुंह लगाता है या उससे ऐसा किसी अन्य व्यक्ति के साथ कराता है,
तो कहा जाएगा कि उसने बलात्कार किया है।
नोट : भारतीय न्याय साहिन्ता 2023 के धारा 63 मे वर्णित बलात्कार की परिभाषा पहले आईपीसी की धारा 375 के अंतर्गत रखा गया था।
यह निम्न परिस्थितियों में से किसी के अधीन किया जा सकता है –
- उस महिला की इच्छा के विरुद्ध;
- उस महिला की सम्मति के बिना:
- उस महिला की सहमति से, जब उसकी सहमति उसे या ऐसे किसी व्यक्ति को, जिससे वह हितबद्ध है, मृत्यु या चोट पहुंचाने के भय में डालकर की गई है।
- उस महिला की सहमति से, जब कि वह पुरुष यह जानता है कि वह उस महिला का पति नहीं है और उस महिला ने सहमति इस कारण दी है कि वह यह विश्वास करती है कि वह ऐसा अन्य पुरुष है जिससे वह विधिपूर्वक विवाहित है या विवाहित होने का विश्वास करती है।
- उस महिला की सहमति से, जब ऐसी सम्मति देने के समय, वह चित- विकृत्ति या मतता के कारण या उस पुरुष द्वारा व्यक्तिगत रूप से या किसी अन्य व्यक्ति के माध्यम से कोई संज्ञाशून्यकारी या अस्वास्थ्यकर पदार्थ दिए जाने के कारण, उस बात की, जिसके बारे में वह सम्मति देती है, प्रकृति और परिणामों को समझने में असमर्थ है।
- उस महिला की सम्मति से या उसके बिना, जब वह अठारह वर्ष से कम आयु की है।
- जब वह महिला सहमति देने में असमर्थ है।
धारा 63 BNS का स्पष्टीकरण
स्पष्टीकरण 1. इस धारा के प्रयोजनों के लिए, “योनि” के अंतर्गत labia majora भी है।
स्पष्टीकरण 2. सम्मति से कोई स्पष्ट स्वैच्छिक सहमति अभिप्रेत है, अर्थात जब महिला शब्दों, संकेतों या किसी प्रकार की मौखिक या अमौखिक संसूचना द्वारा विनिर्दिष्ट लैंगिक कृत्य में भाग लेने की इच्छा व्यक्त करती है, परंतु ऐसी महिला के बारे में, जो प्रवेशन के कृत्य का भौतिक रूप से विरोध नहीं करती है, मात्र इस तथ्य के कारण यह नहीं समझा जाएगा कि उसने लैंगिक क्रियाकलाप के प्रति सम्मति प्रदान की है।
धारा 63 BNS का अपवाद
अपवाद 1-किसी चिकित्सीय प्रक्रिया में यदि किसी महिला के प्राइवेट पार्ट में अंत प्रवेशन किया गया है तो वह बलात्कार की श्रेणी में नहीं माना जायेगा ।
अपवाद 2– किसी पुरुष का अपनी स्वयं की पत्नी के साथ मैथुन या लैंगिक कृत्य, यदि पत्नी अठारह वर्ष से कम आयु की न हो तो यह कृत्य बलात्कार नहीं है।
धारा 64 BNS in hindi- बलात्संग के लिए दण्ड
धारा 64(1) BNS in Hindi
- धारा 64(1) BNS के अनुसार– जो कोई, धारा 64(2) या धारा 64 की उपधारा (2) में उपबंधित मामलों के सिवाय, बलात्कार करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कठिन कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष से कम की नहीं होगी, परन्तु जिसे आजीवन कारावास तक बढ़ाई जा सकेगी से दंडित किया जाएगा और जुर्माने का भी दायी होगा।
नोट : भारतीय न्याय साहिन्ता 2023 के धारा 64(1) को पहले आईपीसी की धारा 375(1)के अंतर्गत रखा गया था।
धारा 64(2) BNS in Hindi
धारा 64(2) BNS के अनुसार- जो कोई –
- (क) पुलिस कर्मचारी/अधिकारी होते हुए-
- (i) उस पुलिस थाने की, जिसमें ऐसा पुलिस अधिकारी नियुक्त है, सीमाओं के भीतर बलात्कार करेगा; या
- (ii) किसी भी थाने के परिसर में बलात्कार करेगा या
- (iii) ऐसे पुलिस अधिकारी की अभिरक्षा में या ऐसे पुलिस अधिकारी के अधीनस्थ किसी पुलिस अधिकारी की अभिरक्षा में, किसी महिला से बलात्कार करेगा; या
- (ख) लोक सेवक होते हुए, ऐसे लोक सेवक की अभिरक्षा में या ऐसे लोक सेवक के अधीनस्थ किसी लोक सेवक की अभिरक्षा में की किसी महिला से बलात्कार करेगा; या
- (ग) केंद्रीय या किसी राज्य सरकार द्वारा किसी क्षेत्र में स्थित सशस्त्र बलों का कोई सदस्य होते हुए, उस क्षेत्र में बलात्संग करेगा; या
- (घ) किसी जेल, प्रतिप्रेषण गृह या अभिरक्षा के अन्य स्थान के या महिलाओं या बालकों की किसी संस्था के प्रबंध तंत्र या कर्मचारी होते हुए, ऐसी जेल, प्रतिप्रेषण गृह, स्थान या संस्था के किसी निवासी से बलात्संग करेगा या
- (ङ) किसी अस्पताल के प्रबंधतंत्र या कर्मचारी होते हुए, उस अस्पताल में किसी महिला से बलात्संग करेगा या
- (च) महिला का नातेदार, संरक्षक या अध्यापक या उसका कोई विश्वासी व्यक्ति होते हुए, उस महिला से बलात्संग करेगा : या
- (छ) सांप्रदायिक या किसी विशेष समुदाय द्धारा हिंसा के दौरान बलात्संग करेगा; या
- (ज) किसी महिला से यह जानते हुए कि वह गर्भवती है, बलात्संग करेगा या
- (झ) उस महिला से, जो सहमति देने में असमर्थ है, बलात्संग करेगा; या
- (य) किसी महिला पर नियंत्रण या प्रभाव रखने की स्थिति में होते हुए, उस महिला से बलात्संग करेगा या
- (ट) मानसिक या शारीरिक निःशक्तता से ग्रसित किसी महिला से बलात्संग करेगा या
- (ठ) बलात्संग करते समय किसी महिला को गंभीर शारीरिक हानि करेगा या विकलांग बनाएगा या विद्रूपित करेगा या उसके जीवन को संकटापन्न करेगा; या
- (ड) उसी महिला से बार-बार बलात्संग करेगा,
वह कम से कम दस वर्ष के कठिन कारावास से , किन्तु जो आजीवन कारावास तक की हो सकेगी, जिससे उस व्यक्ति के शेष प्राकृत जीवनकाल के लिए कारावास अभिप्रेत/स्वीकृत होगा, से दंडित किया जाएगा और जुर्माने का भी दायी होगा।
नोट : भारतीय न्याय साहिन्ता 2023 के धारा 64(2) को पहले आईपीसी की धारा 375(2)के अंतर्गत रखा गया था।
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